Monday, 6th July 2020
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न्यू मेरठ अस्पताल से सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ है,
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस वीडियो में अस्पताल का एक अधिकारी '2,500 रुपये में आपको कोरोना की नकारात्मक रिपोर्ट देने की बात कह रहा है जो यह रिपोर्ट 14 दिनों के लिए वैध होगी। और इस पर एक सरकारी अस्पताल का भी सील रहेगी ।
इस वीडियो के वायरल होने के बाद, अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ इस मामले में एक एफआईआर दर्ज की गई, अस्पताल को सील करने के साथ ही उसका लाइसेंस रद्द करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है ।
शनिवार को मामले की जांच करने के आदेश दिए गए जब एक व्यक्ति द्वारा कोरोना और दो मिनट और 38 सेकंड के इस वीडियो की फर्जी जांच रिपोर्ट मेरठ के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) राजकुमार सैनी को दिखाई।
प्यारेलाल जिला अस्पताल के अधीक्षक डॉ. पीके बंसल ने कहा, हम केवल वास्तविक आईडी के कोरोना नमूने एकत्र करते हैं और उन्हें मेरठ मेडिकल कॉलेज भेजते हैं क्योंकि हमारे पास हमारे अस्पताल में परीक्षण एव जांच करने के लिए उपकरण और विशेषज्ञता उपलभध नहीं है और मुझे मेरठ में ऐसी किसी भी रिपोर्ट के बारे में जानकारी कोई नहीं है।
मेरठ के जिलाधिकारी अनिल ढींगरा ने कहा, 'यह एक गंभीर मामला है और हमने शनिवार शाम अस्पताल को सील कर त्वरित कदम उठाया है। अस्पताल के मालिक शाह आलम ने कहा, 'यह वीडियो फर्जी है और मेरी प्रतिष्ठा और अस्पताल के प्रति दुर्भावना है।
मेरठ के सिटी एसपी अखिलेश नारायण सिंह ने कहा, "हम आरोपों की सत्यता की जांच कर रहे हैं, हम अपनी जांच पूरी करने के बाद गिरफ्तारी करेंगे। '
सीएमओ राजकुमार सैनी ने कहा, "इस परिदृश्य में, कोरोना की नकारात्मक परीक्षण रिपोर्ट का एक मामला है, जिस पर सरकारी अस्पताल की भी मुहर है , यह कोरोना मामलों को न्यूनतम रखने के हमारे प्रयासों के खिलाफ एक झटका है।" इस तरह की फर्जी रिपोर्ट के जरिए कोई भी किसी भी अस्पताल में ऑपरेशन करवा सकता है और अगर यह वास्तव में कोरोना पॉजिटिव है तो परिणाम बहुत भयावह होंगे। '