आरोपी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं
विवाद के बाद अछनेरा पुलिस मौके पर पहुंची। उसने हंगामा करना बंद कर दिया, लेकिन आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। इस स्थिति में, तहसील किरावली गाँव रायभा में नाता समाज की एक महिला के शव को निकालने और दूसरी जगह अंतिम संस्कार करने के लिए मजबूर किया गया। खास बात यह है कि मौत के बाद पुलिस ने उच्च समाज के श्मशान घाट पर शव को जलाने के विवाद में कोई कार्रवाई नहीं की। साथ ही, पीड़ित परिवार ने कोई मदद नहीं की।
आपको बता दें कि 2016 में मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में भी ऐसी ही खबर सामने आई थी, जहां एक दलित महिला की मौत के बाद गांव के दबंगों ने उनके अंतिम संस्कार का जुलूस रोक दिया था। करीब दो घंटे तक चले विवाद के बाद पुलिस की मौजूदगी में महिला का अंतिम संस्कार किया गया। धनगांव थाना क्षेत्र के डोंगरगांव में एक लंबी बीमारी के बाद दलित महिला मैदाबाई (70) की मौत हो गई। परिवार कावेरी नदी पर गऊ घाट पर महिला का अंतिम संस्कार करना चाहता था। गऊ घाट तक पहुँचने का रास्ता गाँव में एक दबंग परिवार के सुंदरलाल गुर्जर के खेत से होकर जाता है। आरोप है कि सुंदरलाल के बेटे और परिवार की दो महिला सदस्यों ने अंतिम संस्कार के जुलूस के रास्ते को अवरुद्ध कर दिया और मैदाबाई के परिवार को अपने खेत से गुजरने नहीं दिया।