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दबंगों ने श्मशान में अंतिम संस्कार करने से दलित परिवार को रोका, चिता से हटानी पड़ी महिला की लाश

दबंगों ने श्मशान में अंतिम संस्कार करने से दलित परिवार को रोका, चिता से हटानी पड़ी महिला की लाश

Thursday, 23rd July 2020 Admin

आगरा। उत्तर प्रदेश में जातिवाद (जातिवाद) का एक और मामला मानवता पर हावी हो गया है। आगरा में नट समाज की एक महिला की मृत्यु के बाद, परिवार के सदस्यों ने गाँव के एक श्मशान में उसका अंतिम संस्कार किया। आग बुझाने की तैयारी चल रही थी, तब तक ऊंची जाति के कुछ लोग वहां पहुंच गए। आरोप है कि उन्होंने जबरन अंतिम संस्कार रोक दिया। हंगामे के बाद पुलिस भी मौके पर पहुंची। इसके बाद भी वहां चिता नहीं जलाई गई। पुलिस की मौजूदगी में असहाय नट समाज ने महिला के शव को अंतिम संस्कार की चिता से ले लिया और उसका अन्यत्र अंतिम संस्कार किया।

जानकारी के मुताबिक, मामला आगरा के अछनेरा इलाके के रायभा का है। अब इस घटना का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। बताया जा रहा है कि 25 वर्षीय पूजा की पत्नी राहुल की मौत अछनेरा इलाके में हुई थी। परिजन महिला का शव लेकर श्मशान पहुंचे। कुछ ही देर में ठाकुर समाज के लोग आकर विरोध करने लगे। आखिरकार, महिला के शव को अंतिम संस्कार की चिता द्वारा नात समाज में वापस भेज दिया गया। शव को अंतिम संस्कार की चिता से निकालने के बाद नट समाज के लोगों ने अंतिम संस्कार किया।

आरोपी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं
विवाद के बाद अछनेरा पुलिस मौके पर पहुंची। उसने हंगामा करना बंद कर दिया, लेकिन आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। इस स्थिति में, तहसील किरावली गाँव रायभा में नाता समाज की एक महिला के शव को निकालने और दूसरी जगह अंतिम संस्कार करने के लिए मजबूर किया गया। खास बात यह है कि मौत के बाद पुलिस ने उच्च समाज के श्मशान घाट पर शव को जलाने के विवाद में कोई कार्रवाई नहीं की। साथ ही, पीड़ित परिवार ने कोई मदद नहीं की।

आपको बता दें कि 2016 में मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में भी ऐसी ही खबर सामने आई थी, जहां एक दलित महिला की मौत के बाद गांव के दबंगों ने उनके अंतिम संस्कार का जुलूस रोक दिया था। करीब दो घंटे तक चले विवाद के बाद पुलिस की मौजूदगी में महिला का अंतिम संस्कार किया गया। धनगांव थाना क्षेत्र के डोंगरगांव में एक लंबी बीमारी के बाद दलित महिला मैदाबाई (70) की मौत हो गई। परिवार कावेरी नदी पर गऊ घाट पर महिला का अंतिम संस्कार करना चाहता था। गऊ घाट तक पहुँचने का रास्ता गाँव में एक दबंग परिवार के सुंदरलाल गुर्जर के खेत से होकर जाता है। आरोप है कि सुंदरलाल के बेटे और परिवार की दो महिला सदस्यों ने अंतिम संस्कार के जुलूस के रास्ते को अवरुद्ध कर दिया और मैदाबाई  के परिवार को अपने खेत से गुजरने नहीं दिया।


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