Sunday, 5th July 2020
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नई दिल्ली: इस साल फरवरी में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों के दौरान एक 25 वर्षीय मुस्लिम युवक इरफान की हत्या के मामले में जिन लोगों के खिलाफ आरोप-पत्र (चार्जशीट) दाखिल किया गया है उनमें से एक ब्रह्मपुरी मंडल से भाजपा के महामंत्री हैं और पिछले एक दशक से पार्टी से जुड़े हुए हैं। फिलहाल वो जेल में हैं।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, बीते 23 जून को दिल्ली के कड़कड़डूमा की अदालत में चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट पुरुषोत्तम पाठक की पीठ के समक्ष दाखिल आरोप-पत्र में ब्रह्मपुरी मंडल से भाजपा के महामंत्री बृजमोहन शर्मा की राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के बारे में बताया गया है जिसमें कहा गया है कि स्थानीय लोग उन्हें नेताजी कहते थे। हालांकि उसमें किसी पार्टी का नाम नहीं है। उनके पिता हरीश चंद्र शर्मा भी भापजा नेता रहे हैं और पार्टी के किसान मोर्चा के उपाध्यक्ष थे।
भाजपा के साथ बृजमोहन के जुड़ाव की बात स्वीकार करते हुए हरीश चंद्र शर्मा ने दावा किया कि उनके बेटे को दंगों में फंसाया जा रहा है।
उन्होंने कहा, ‘दंगों से पहले निर्माण कार्य की मंजूरी के लिए दो स्थानीय पुलिसकर्मियों ने दो परिवारों से पैसों की मांग की थी। मेरे बेटे ने उन्हें रोका था। एक महीने बाद जब दंगे हुए उन्होंने मेरे बेटे के खिलाफ बयान दर्ज करा दिया। स्थानीय पुलिसवालों के साथ मिलकर हमारे राजनीतिक दुश्मनों ने गलत तरीके से उसे फंसा दिया। घटना के दौरान वह घर पर बैठा था।’
शर्मा ने कहा, ‘मैंने अपने बेटे से कहा था कि महामंत्री न बने लेकिन पांच साल पहले उसे पार्टी ने चुन लिया। मैंने पार्टी के नेताओं से अनुरोध किया लेकिन तीन महीने 10 दिन बाद भी वह जेल में है।’
दिल्ली भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने बृजमोहन के महामंत्री रहने की बात स्वीकार की है। इलाके के पार्षद राजकुमार बल्लन ने भी इस बात की पुष्टि की है कि बृजमोहन ब्रह्मपुरी मंडल से भाजपा के महामंत्री थे, लेकिन उन्होंने आगे कहा कि उनके जेल में होने के कारण पार्टी का काम एक अन्य महामंत्री देख रहे हैं। इस पद पर दो लोग थे।
आरोप-पत्र में पुलिस ने कहा है कि इरफान की मां कुरेशा ने इरफान पर हमला करने वालों में बृजमोहन और सन्नी की पहचान की थी। पुलिस ने कहा कि दो अन्य को गिरफ्तार किया जाना बाकी है।
सीआरपीसी की धारा 164 के तहत मजिस्ट्रेट के समक्ष दर्ज बयान में कुरेशा ने कहा था कि 26 फरवरी को वह और उनके बेटे (इरफान) दूध और दवाई खरीदने बाहर गए थे। इरफान उनके आगे चल रहे थे, तभी अचानक लोगों ने उन्हें घेर लिया और उनमें से एक ने इरफान पर हमला कर दिया जिसके बाद वह गिर गया। दूसरे ने रॉड से हमला किया जबकि एक अन्य तलवार से उनके सिर पर मारा था।
आरोप-पत्र में शिकायतकर्ता सहायक सब-इंस्पेक्टर नौशाद हैदर के हवाले से कहा गया है कि इरफान को जग प्रवेश अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उनकी मौत हो गई थी।
पुलिस ने इस मामले में इरफान की मां और तीन स्थानीय निवासियों के साथ 28 लोगों को गवाह बनाया है। आरोप-पत्र में कहा गया है, ‘पूछताछ के दौरान बृजमोहन शर्मा उर्फ गब्बर ने खुलासा किया कि उन्होंने 10वीं तक पढ़ाई की है और अपने पिता के साथ भवन निर्माण सामग्री का कारोबार करते हैं. वे लंबे समय से राजनीति में जाना चाहते थे।’
आरोप-पत्र में बृजमोहन के हवाले से कहा गया है, ‘पिछले कुछ दिनों से उत्तर-पूर्वी दिल्ली में सीएए और एनआरसी के खिलाफ दंगे रहे थे जिसमें मुस्लिमों ने कई हिंदुओं को मार डाला। उन्होंने दुकानों और घरों में आग भी लगा दी। मैं गुस्से में था और मौके का इंतजार कर रहा था। 26 फरवरी को मैं, सन्नी और दो अन्य पड़ोसियों के साथ निकला जिसमें दो-तीन अनजान लोग भी जुड़ गए।’ बृजमोहन आगे कहते हैं, ‘हमने लोहे की रॉड, बैट, पाइप, छड़ी ली थी और जब हम खुद को मुस्लिमों का दादा कहने वाले इरफान की ओर दौड़े तब हम नारे लगा रहे थे. जब हमने उसे देखा तब उसे दबोच लिया।’
आरोप पत्र में भाजपा नेता कहते हैं, हम उसे लेकर गली नंबर एक में किराने की दुकान के पास गए और मैंने उसके सिर पर लोहे की रॉड से हमला किया। अन्य लोगों ने भी अपने हथियारों से उसके सिर पर हमला किया जिसके बाद वह बेहोश होकर जमीन पर गिर गया। हम उसे पीटते रहे और जब हमें लगा कि वह मर गया है और अन्य मुस्लिम हमारी तरफ आ रहे हैं तब हम भाग गए हैं। डर के कारण मैंने अपनी लोहे की रॉड गोकुलपुरी के नाले में फेंक दी थी।’
हालांकि आरोपी सन्नी के भाई जितेंद्र सिंह ने दावा किया, ‘घटना के दौरान मेरा भाई घर में था और वह इरफान की मदद करने के लिए पहुंचा था। यहां तक कि उसे अस्पताल ले जाने के लिए मेरे भाई ने ऑटोरिक्शा भी मंगाई थी।’