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यूपी के कई ज़िलों में बाढ़ के हालात, बहराइच में नेपाल से छोड़े गए पानी से क़रीब 60 गांव बाढ़ से घिरे

यूपी के कई ज़िलों में बाढ़ के हालात, बहराइच में नेपाल से छोड़े गए पानी से क़रीब 60 गांव बाढ़ से घिरे

Tuesday, 4th August 2020 Admin

बहराइच (उप्र): नेपाल से छोड़े गए लाखों क्यूसेक पानी के कारण बहराइच के कई गाँव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। घुघरा घाघरा नदी में डूबने से तीन लोगों की मौत हो गई है।

अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट जयचंद्र पांडे ने रविवार को कहा कि नेपाल से जारी लाखों क्यूसेक पानी के कारण जिले के लगभग 60 गांवों में बाढ़ या जलभराव की स्थिति है। प्रशासन अपनी तरफ से बाढ़ पीड़ितों को राहत देने की कोशिश कर रहा है।

उन्होंने बताया कि घाघरा नदी और उससे जुड़ी नहरों और नालों का जल स्तर बढ़ गया है।

शनिवार दोपहर को, बूंदी ठाणे के तहत शुक्लापुर में घाघरा नदी के तट पर 16 वर्षीय परमेश्वर जानवरों को पानी पिला रहे थे। इस दौरान पैर फिसलने के कारण वह गहरे पानी में डूब गया।

पांडे ने बताया कि इसी तरह कैसरगंज थाने के बहराचन पुरवा के संतोष उर्फ ​​बबलू (14) और पासिनपुरवा के राम संवरे (35) की घाघरा नदी में डूबने से मौत हो गई।

गोताखोरों की मदद से तीनों मृतकों के शव को बरामद कर लिया गया है। पोस्टमॉर्टम और अन्य औपचारिकताएं पूरी हो चुकी हैं और शव परिजनों को सौंप दिया गया है।

सिंचाई विभाग के कार्यकारी अभियंता (बाढ़) शोभित कुशवाहा ने आज बताया कि शारदा, गिरिजापुरी और सरयू बैराज से नदियों में 3.15 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। इन तीन स्थानों पर नदियों का जल स्तर खतरे के निशान से नीचे है लेकिन एल्गिन ब्रिज पर घाघरा नदी खतरे के निशान से 108 सेमी ऊपर बह रही है।

पिछले 24 घंटों में जलस्तर में दो सेंटीमीटर की वृद्धि हुई है। बैराज के साथ ही 24 घंटे तक 110 किलोमीटर लंबे तटबंधों की निगरानी की जा रही है।

उपजिलाधिकारी पांडेय ने कहा कि जिले के कैसरगंज, महसी और मिहींपुरवा तहसील के 61 गांवों की 1.5 लाख से अधिक आबादी और 15,500 हेक्टेयर क्षेत्र बाढ़ से प्रभावित है। सात गांवों में स्थिति और खराब है।

बाढ़ और कटाव के कारण अब तक 131 कच्चे-पक्के मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं। राहत कार्य के लिए 23 बाढ़ चौकियां और एक बाढ़ शरणार्थी बनाया गया है।

पांडे ने कहा कि एक मोटर बोट, 179 नावें, बाढ़ पीएसी और एनडीआरएफ की एक प्लाटून, 48 चिकित्सा दल राहत कार्य में लगे हैं। तैयारी पूरी है, अगर बाढ़ का संकट गहराता है, तो राहत कम नहीं होगी।

बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को चिकित्सा सुविधा, पशु टीकाकरण, तिरपाल और भोजन के पैकेट वितरित किए जा रहे हैं।

राज्य के 12 जिलों के लगभग 293 गाँव बाढ़ प्रभावित हैं
अमर उजाला की खबर के मुताबिक, राज्य के 12 जिलों के लगभग 293 गांव बाढ़ प्रभावित हैं, जिनमें से 67 गाँव पूरी तरह से बाढ़ग्रस्त हैं।

राहत आयुक्त संजय गोयल ने कहा है कि बाराबंकी, अयोध्या, कुशीनगर, गोरखपुर, बहराइच, आज़मगढ़, बस्ती, संतकबीरनगर, सीतापुर, लखीमपुर खीरी, सिद्धार्थनगर और बलरामपुर बाढ़ से प्रभावित हैं। शारदा नदी पलियन खेरी में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, बर्डघाट गोरखपुर में राप्ती नदी, श्रावस्ती में राप्ती नदी और तुर्तीपार बलिया में घाघरा। वर्तमान में सभी तटबंध सुरक्षित बताए गए हैं।

उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार 94 बाढ़ शरणार्थियों की स्थापना की गई है। इनमें से 15 संचालित हो रहे हैं लेकिन वर्तमान में कोई नहीं रह रहा है।

उनके अनुसार, बाढ़ सुरक्षा के लिए 465 नावों का उपयोग किया जा रहा है। 636 बाढ़ चौकियों की स्थापना की गई है। 14 पशु शिविर लगाए गए हैं और 151 चिकित्सा दल लगे हुए हैं।

साथ ही, 3.65 लाख से अधिक पशुओं का टीकाकरण किया गया है। बाढ़ प्रभावित लोगों को राहत किट जारी किए गए हैं और प्रति दिन 5 किलोग्राम की दर से पशुओं के लिए पशु आहार दिया जाता है।


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