बता दें कि मानसून सत्र शुरू होने से पहले, यह नियम बनाया गया था कि सभी सांसद और कर्मचारी कोविद परीक्षण से गुजरेंगे, रिपोर्ट नकारात्मक आने के बाद ही उन्हें परिसर में प्रवेश करने दिया जाएगा। नियम यह भी है कि उनकी रिपोर्ट 72 घंटे से अधिक पहले नहीं होनी चाहिए।
आपको बता दें कि मानसून सत्र शुरू होने से पहले दोनों सदनों के कई वृद्ध सांसदों ने इस पर चिंता व्यक्त की थी। उन्होंने कहा कि सत्र की शुरुआत में, दिशानिर्देशों के बीच भी कम से कम 2,000 लोग परिसर में मौजूद रहेंगे। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, राज्यसभा के 240 सांसदों में से 97 सांसद 65 वर्ष से अधिक के हैं, जबकि 20 सांसद 80 वर्ष से अधिक आयु के हैं, जिनमें 87 वर्षीय मनमोहन सिंह और 82 वर्षीय एके एंटनी शामिल हैं।
वैसे, देश में कोविद महामारी की शुरुआत से लेकर मानसून सत्र शुरू होने तक, सात केंद्रीय मंत्रियों और दोनों सदनों सहित लगभग दो दर्जन सांसदों को कोरोनावायरस से संक्रमित किया गया है। यहां तक कि तमिलनाडु के सांसद एच। वसंतकुमार की भी कोरोना से लोकसभा में मृत्यु हो गई। इसके अलावा कोरोना के कारण कई विधायकों की भी मौत हुई है।
कोविद -19 के बीच शुरू हुआ मानसून का मौसम 1 अक्टूबर तक चलेगा। इस समय के दौरान, कोविद -19 दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन किया जा रहा है। इसके तहत फेस मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग को अनिवार्य किया गया है। साथ ही घर में हर सीट पर पॉली-कार्बन ग्लास लगाया गया है।