इस सवाल के जवाब में वो कहते हैं कि ये खुले इलाक़े हैं, जहाँ कोविड मरीज़ों के लिए बेड की व्यवस्था की गई है.
महिला और पुरुष के वर्गीकरण पर वो कहते हैं कि इस संबंध में व्यावहारिक दृष्टि से एक सबसे बड़ी समस्या यह है कि अगर एक ही परिवार के दो लोग संक्रमित हैं तो वे चाहते हैं कि उनके बेड साथ-साथ हों.
मसलन, माँ-बेटा या बहन-भाई हैं, तो वे चाहते हैं कि साथ रहें. कई मरीज़ ऐसे आते हैं, जो कभी अकेले नहीं रहे तो वे परिवार के साथ ही रहने की ज़िद करते हैं.
हालाँकि वे इस बात पर भी ज़ोर देते हैं कि सुरक्षा के सभी इंतज़ाम किए गए हैं और इस घटना के सामने आने के बाद इसे और बढ़ा दिया गया है.
राजधानी दिल्ली में किसी कोविड सेंटर में आया यह अपने तरह का पहला मामला है. लेकिन इससे पूर्व बिहार में ऐसे मामले सामने आ चुके हैं जिसमें एक युवती ने अपने साथ रेप की शिकायत की थी.
बिहार के ही एक अन्य मामले में एक महिला के परिवार वालों ने कोविड सेंटर के वॉर्ड ब्वॉय पर दुराचार करने का आरोप लगाया था. इस मामले में बाद में महिला की मौत हो गई थी.
दक्षिणी दिल्ली के छतरपुर इलाके में बना यह कोविद केंद्र भारत में सबसे अधिक क्षमता का कोविद केंद्र है।
सरदार पटेल कोविद केंद्र राधा स्वामी सत्संग ब्यास परिसर में बनाया गया है और इसके संचालन की जिम्मेदारी आईटीबीपी के पास है। आईटीबीपी इसकी नोडल एजेंसी है।
इससे पहले, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 28 जून को छतरपुर के राधा स्वामी सत्संग ब्यास में सरदार पटेल कोविद केंद्र का दौरा किया और इसकी तैयारियों की समीक्षा की।
अमित शाह ने कहा कि यह 10,000 बिस्तरों वाला कोविद केयर सेंटर दिल्ली के लोगों को बहुत राहत देगा।
गृह राज्य मंत्री किशन रेड्डी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, गृह सचिव अजय भल्ला और केंद्र और दिल्ली सरकार के कई वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।