Sunday, 13th September 2020
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नई दिल्ली: सूत्रों की माने तो मोदी सरकार भारत-चीन गतिरोध पर संसद में बयान दे सकती है। कल से शुरू होने वाले मानसून सत्र से पहले यह जानकारी सामने आई है। यह मामला आज संसद की समिति की बैठक में आगामी सत्र के एजेंडे पर उठाया गया था। वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन के साथ गतिरोध को लेकर राहुल गांधी सहित कांग्रेस नेताओं द्वारा मोदी सरकार पर लगातार हमले हो रहे हैं।
पैंगोंग झील और कई अन्य क्षेत्रों में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के सैनिकों की आक्रामकता बढ़ गई है। 15 जून को, लद्दाख में तैनात 20 भारतीय सैनिकों ने अपनी जान गंवाई, भारत-चीन सीमा पर चार दशकों में इस तरह की पहली घटना। पिछले दो हफ्तों में, लद्दाख में पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे पर चीनी सैनिकों ने आक्रामकता दिखाई है। लेकिन भारत LAC पर "यथास्थिति को बदलने" के इन प्रयासों को रोकने में कामयाब रहा। विदेश मंत्रालय ने कहा कि सैनिकों के बीच कोई झड़प नहीं हुई है।
31 अगस्त को भारतीय सैनिक चीनी सैनिकों से घिरे थे। दरअसल चीनी सैनिक उस स्थिति पर कब्जा करना चाहते थे जहां भारतीय सेना पहले से ही मजबूत स्थिति में है। परिस्थितियों को देखते हुए, सरकार के लिए इस मुद्दे पर चर्चा करने से बचना मुश्किल हो गया है।