Sunday, 5th July 2020
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नयी दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने एक अदालत में दाखिल अपने आरोप-पत्र में कहा है कि फरवरी में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों के दौरान कुछ दंगाई वॉट्सऐप ग्रुप के जरिये आपस में संपर्क में थे और ‘जय श्री राम’ नहीं कहने पर उन्होंने नौ मुसलमानों को मार डाला था.
आरोप-पत्र में कहा गया है कि सभी आरोपी मुस्लिमों से ‘बदला’ लेने के लिए 25 फरवरी को बनाए गए एक वॉट्सऐप ग्रुप ‘कट्टर हिंदुत्व एकता’ से जुड़े थे. इस ग्रुप का इस्तेमाल इन लोगों ने आपस में संपर्क में रहने और एक दूसरे को लोग, हथियार और गोला-बारूद मुहैया कराने के लिए किया.
दिल्ली पुलिस ने दिल्ली हिंसा के दौरान तीन लोगों की हत्या मामले में अदालत में तीन चार्जशीट दाखिल की हैं.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, हिंसा के दौरान मारे गए अमीन, भूरे अली और हमजा की हत्या मामले में चार्जशीट दाखिल की गई है.
इन चार्जशीट में दंगे भड़काने और हत्या के लिए नौ लोगों को आरोपी बनाया गया है, जिसमें लोकेश सोलंकी (19), पंकज शर्मा (31), अंकित चौधरी (23), प्रिंस (22), जतिन शर्मा (19), हिमांशु ठाकुर (19), विकास पांचाल (20), ऋषभ चौधरी (20) और सुमित चौधरी (23) शामिल हैं.
‘कट्टर हिंदुत्व एकता’ नाम के वॉट्सऐप ग्रुप का इस्तेमाल इन लोगों ने आपस में संपर्क में रहने और एक दूसरे को हथियार और गोला बारूद मुहैया कराने के लिए किया था.
चार्जशीट में कहा गया कि वॉट्सऐप ग्रुप बनाने वाला शख्स अब भी फरार है.
पुलिस ने चार्जशीट में 26 और 27 फरवरी की रात वॉट्सऐप ग्रुप पर कथित तौर पर लोकेश द्वारा किए गए कुछ संदेश का हवाला दिया है.
चार्जशीट में कहा गया है कि लोकेश ने कथित तौर पर पहला मैसेज रात 11:39 बजे किया.
लोकेश ने कहा, ‘भाई, मैं गंगा विहार से लोकेश सोलंकी. अगर कोई दिक्कत हो या लोगों की कमी हो, मुझे बताओ. मैं पूरी गंगा विहार टीम के साथ आ जाऊंगा. हमारे पास सब कुछ है- गोलिया, बंदूक, सब कुछ.’
चार्जशीट में कहा गया, ‘रात 11:44 बजे कथित तौर पर सोलंकी ने ग्रुप में मैसेज किया, रात लगभग नौ बजे बी. विहार के पास तुम्हारे भाई ने दो मुस्लिमों को मार दिया और उन्हें अपनी टीम की मदद से नाले में फेंक दिया. विनय, तुम्हें पता है कि तुम्हारा भाई हमेशा इस तरह के काम में आगे रहता है.’
चार्जशीट में कहा गया, ‘रात 12:15 बजे सोलंकी ने फिर मैसेज किया, मैं पूरी रात जागा रहा. अगर कुछ भी हो, मुझे बताना.’
चार्जशीट में कहा गया, ‘इस वॉट्सऐप ग्रुप को बनाने वाले शख्स का पता लगाया जा रहा है. यह कट्टर हिंदुत्व एकता ग्रुप है, जिसे 25 फरवरी 2020 को रात 12:49 मिनट पर बनाया गया. शुरुआत में ग्रुप में 125 सदस्य थे लेकिन आठ मार्च 2020 को 47 लोगों ने ग्रुप छोड़ दिया.’
पुलिस ने वॉट्सऐप चैट का उल्लेख करते हुए चार्जशीट में कहा, ‘आरोपी और उनके सहयोगी गुस्से में थे क्योंकि हिंदुओं को निशाना बनाए जाने और मुस्लिमों द्वारा हिंदुओं को मारे जाने की खबरें हर तरफ थीं. वॉट्सऐप चैट के मुताबिक, उन्होंने (आरोपियों) हिंदुओं पर हमला करने के लिए मुस्लिमों को सबक सिखाने का षड्यंत्र रचा और लाठी, डंडे, छड़ी, तलवार, बंदूक आदि के साथ गलियों में घूमने लगे. उनका स्पष्ट उद्देश्य मुस्लिमों के घर, संपत्ति, मस्जिदों को नष्ट करने या जलाने का था.’
चार्जशीट के मुताबिक, ‘आरोपियों की कॉल डिटेल के रिकॉर्ड का विश्लेषण करने से पता चला कि ये लोग दंगाग्रस्त इलाकों गोकलपुरी, गंगा विहार, जौहरीपुर, जौहरीपुर एक्सटेंशन, नाला रोड और भागीरथी विहार में लगातार घूम रहे थे. इनका उद्देश्य लोगों को पकड़कर उनका नाम, पता पूछकर, आईडी देखकर उनके धर्म का पता लगाना था.’
इसके अनुसार, ‘इन्होंने कई बार लोगों से जबरन ‘जय श्रीराम’ के नारे भी लगवाए. जिन लोगों ने नारे नहीं लगाए, या जो पड़ताल में मुस्लिम पाए गए, उन पर हमला किया गया और उनकी हत्या कर उनके शव को भागीरथी विहार के नाले में फेंक दिया गया.’
चार्जशीट में कहा गया है, ‘अब तक की गई जांच और आरोपियों के सीडीआर की जांच में पता चला है कि आरोपी मोबाइल फोन के जरिये लगातार एक दूसरे के संपर्क में थे और घटनास्थल पर मौजूद थे.’
पुलिस ने 12 लोगों के मोबाइल फोन जब्त कर लिए हैं और उन्हें फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिया है.
चार्जशीट में कहा गया, ‘25 फरवरी को 12:49 मिनट पर कट्टर हिंदुत्व एकता ग्रुप बनाया गया. शुरू में इस ग्रुप में 125 सदस्य थे. इन 125 में से 47 लोग आठ मार्च को ग्रुप से बाहर हो गए.’
मालूम हो कि दिल्ली पुलिस ने 29 जून को अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट विनोद कुमार गौतम के समक्ष दंगों के दौरान नौ लोगों- हमजा, अमीन, भूरे अली, मुर्सलीन, आस मोहम्मद, मुशर्रफ, अकील अहमद और हाशिम अली और उनके बड़े भाई आमिर खान की हत्या के मामले में चार्जशीट दाखिल की थी.
पुलिस ने चार्जशीट में कहा, ‘जांच के दौरान यह साबित हुआ कि 25 फरवरी की सुबह से लेकर 26 फरवरी की मध्यरात्रि तक हिंदुओं का एक समूह सक्रिय हुआ था. आरोपी जतिन शर्मा, ऋषभ चौधरी, विवेक पंचाल, लोकेश सोलंकी, पंकज शर्मा, प्रिंस, सुमित चौधरी, अंकित चौधरी और हिमांशु ठाकुर ने अन्य ज्ञात और अज्ञात दंगाइयों के साथ मिलकर भागीरथी विहार इलाके और अन्य स्थानों पर नौ मुस्लिम लोगों की हत्या की और कई को घायल कर दिया.’
इसमें कहा गया है, ‘इससे पता चलता है कि ये लोग दंगा करने और मुसलमानों पर हमला करने में संलिप्त थे और इन्होंने दंगों के दौरान कई लोगों की हत्या की.’
चार्जशीट में कहा गया है, ‘वे नाम, पता पूछकर लोगों को पकड़ते थे और पहचान पत्र दिखाने के लिए कहते थे. कई बार उन्हें जय श्रीराम कहने के लिए भी मजबूर किया गया. जय श्रीराम नहीं बोलने पर या मुस्लिम पहचान साबित होने पर उन पर हमला कर मार दिया जाता और शव को भागीरथी विहार के मुख्य नाले में फेंक दिया जाता था.’
अदालत मामले पर 13 जुलाई को सुनवाई करेगी.
पुलिस का कहना है कि पहले मामले में 26 फरवरी को दंगाइयों ने हमजा की हत्या की. हमजा घटना के समय रात लगभग 9:15 बजे मुस्तफाबाद से भागीरथी विहार की ओर आ रहे थे. उनके शव को भागीरथी विहार के ई-ब्लॉक के पास के नाले में फेंक दिया गया. इस मामले में तीन मार्च को एफआईआर दर्ज हुई थी.
चार्जशीट में कहा गया है, ‘दूसरे मामले में 25 फरवरी को दंगाइयों ने अमीन को मार डाला और शव को भागीरथी विहार के सी-ब्लॉक के पास नाले में फेंक दिया. तीसरे मामले में 26 फरवरी को भागीरथी विहार के सी -ब्लॉक के पास भूरे अली नाम के शख्स की हत्या कर दी गई.’
पुलिस के मुताबिक, 25 फरवरी शाम चार से 4:30 बजे के बीच मुर्सलीन की हत्या कर दी गई और जौहरीपुरी पुलिया के पास नाले में शव फेंक दिया गया और उनके स्कूटर में आग लगा दी गई थी.
पुलिस का कहना है कि 25 फरवरी को शाम सात से 7:30 बचे के बीच दंगाइयों ने आस मोहम्मद की हत्या कर दी और शव को नाले में फेंक दिया. उसी रात आठ बजे के करीब दंगाइयों ने बिजली काट दी और अंधेरे में मुशर्रफ के घर पर हमला कर दिया. उन्हें घर से खींचकर निकाला गया और मार दिया गया. फिर शव नाले में फेंक दिया गया.
पुलिस का कहना है कि 26 फरवरी को रात 9:30 बजे अकील अहमद को दंगाइयों ने मार डाला. उसी दिन रात 9:40 मिनट के करीब हाशिम अली और उनके बड़े भाई आमिर खान को दंगाइयों ने मार डाला था.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)