Saturday, 5th September 2020
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नई दिल्ली: रूस में भारत-चीन सीमा तनाव बैठक पर शनिवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के कार्यालय ने एक बयान जारी किया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीन के रक्षा मंत्री से कहा कि जल्द से जल्द शांति बहाली के लिए बातचीत जारी रखी जाए। रक्षा मंत्री के कार्यालय ने एक ट्वीट में कहा, " कि दोनों पक्षों को जल्द से जल्द शांति बहाल करने और LAC पर तनाव कम करने के लिए राजनयिक और सैन्य माध्यमों से बातचीत जारी रखनी चाहिए।"
बैठक में रक्षा मंत्री के कार्यालय की ओर से कई ट्वीट किए गए हैं। रक्षा मंत्री कार्यालय ने एक ट्वीट में लिखा, "मौजूदा स्थिति को जिम्मेदारी से हल किया जाना चाहिए और दोनों पक्षों में से किसी को भी कोई कार्रवाई नहीं करनी चाहिए जो सीमावर्ती क्षेत्रों में स्थिति को खराब करती है या तनाव बढ़ाती है।"
रक्षा मंत्री ने सलाह दी है कि चीनी सेना को जल्द से जल्द पेंगोंग झील क्षेत्र से हट जाना चाहिए। वर्तमान स्थिति को जिम्मेदारी से हल करने की आवश्यकता है। किसी भी दल को ऐसा कोई कदम नहीं उठाना चाहिए जिससे सीमा पर स्थिति बिगड़ जाए।
बयान में कहा गया है कि दोनों देश बातचीत के जरिए मामले को सुलझाने के पक्ष में हैं। चीनी रक्षा मंत्री ने भी शांतिपूर्ण तरीके से मामले को सुलझाने की बात की है। संबंधों में सुधार के लिए सीमा पर शांति और पारदर्शिता बनाए रखना आवश्यक है।
रक्षा मंत्री के कार्यालय ने एक बयान में कहा, "रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पिछले कुछ महीनों में गालवन घाटी सहित वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के घटनाक्रमों पर स्पष्ट रूप से भारत का पक्ष रखा।"
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की चीनी सेना की कार्रवाई, जिसमें बड़ी संख्या में सैनिकों का जुटना, आक्रामक रवैया और यथास्थिति को बदलने के एकतरफा प्रयास शामिल हैं, द्विपक्षीय समझौते का उल्लंघन है। बैठक के दौरान, रक्षा मंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि भारतीय सैनिक हमेशा सीमा प्रबंधन के प्रति एक जिम्मेदार रवैया अपनाते रहे हैं। साथ ही, भारत अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए भी दृढ़ है।
इससे पहले दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों की बैठक के बाद चीन की तरफ से बयान आया था। चीनी सरकार ने बयान में आरोप लगाया है कि लद्दाख में तनाव बढ़ाने के लिए भारत "पूरी तरह से जिम्मेदार" है। वहीं, बयान में चेतावनी भरे लहजे में कहा गया है कि चीन अपनी एक इंच भी जमीन नहीं छोड़ेगा।